बीड परगणै रो देशपांडे । ढळती ऊमर में उणनै लागण लाग्यो कै हूँ पंडित होऊँ । उण ऊमर
में पाठ-पाठांतर रो अभ्यास करनै पंडित हुवणो असंभव इण वासतै बो आळंदी में ज्ञानदेव
महाराज रै कनै धरणो देय नै बैठग्यो । ज्ञानदेव महाराज उणनै कैयो, “बाबा, तूं देहू
में श्री तुकोबा कनै जा । कोर्ट अबार बैठे है ।” उण मुजब बो देहू पूग्यो । उण बेळा
तुकाराम महाराज इकतीस अभंग रच्या हा । भगवान री प्रार्थना रा अभंग सात और
उपदेश-अभंग इग्यारै । तुकाराम महाराज रो बोध, बिचारधारा, उपदेश रो पद्धति अर
तत्त्वज्ञान इण अभंगां रै विभागां में पूरी तरै सूं देखण में मिलै है । तुकोबा
पैलां भगवान रो सायरो लियो - हे भगवान, थे बिना कैयां ई हिरदै री गुपत बात समझ सको
हो । इण वासतै अभयदान देयर इण पाड़ासी ( अथवा आळ करणआळै ) रो शंका-समाधान करो और
थांरी लाज थे ई राखो ।
न सांगता कळे अंतरीचे गुज । आता तुझी लाज तुज देवा ॥१॥
आळीकर त्यांचे करी समाधान । अभयाचे दान देऊनी ॥२॥