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महात्मा गांधी

 
 
 
 

तुकारामजी की
हिन्दी रचनाँए

 
 

चरित्र

 
 

अनुवाद

 
 

गांधीज

 
 

बालगोपाल

 
 

प्रतिक्रिया

 
 

मुखपृष्ट

 

            डॉ. इंदुभूषण भिंगारे ने संत तुकाराम की राष्ट्रगाथा का एक विभाग तो प्रगट किया था । मजकुर विभाग दुसरी आवृत्ति है। मेरा मराठी भाषा का ज्ञान बहुत अल्प है । तुकाराम मुझे बहुत प्रिय है। लेकीन उनके अंभंगोंमेंसे थोडे ही बिना परिश्रम सें पढ सकता हुं। इसलिये मैंने डॉ. भिंगारे की पसंदगी भाई कुंदरजी दिवाण को दी और   उन्होनें   बडे   परिश्रमसे   सारा चुनाव देख लिया ।

            गाथा के लिए सही चित्र भी चाहिये था । डॉ. भिंगारेने तो बाजारी चित्र लिया था । मुझे बहुत चुभा । मैने उस शांतिनिकेतनके प्रसिध्द कलाकार श्री नंदलाल बोस को भेजा । उन्होनें अभंग के साथ तुकाराम के कुछ चित्र भेजने की कृपा कि है । उनमें से जो मुझे सबसे उचित लगा वह चित्र इस संस्करण के साथ प्रसिध्द होगा । मेरी उमीद है कि यह संस्करण लोगोंको आदरणीय लगेगा ।  

 मो. क. गांधी

सेवग्राम

१०/१/१९४५